सभी धर्मों के केंद्र शिव/आदिनाथ से जुङे 19 रहस्यमय तथ्य / 19 mysterious facts about Lord Shiva

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शिव/आदिनाथ से जुङे रहस्यमय तथ्य


 शिव/आदिनाथ से जुङे रहस्यमय तथ्य/Mysterious facts related to Shiva/Adinath ~

  भगवान शिव अर्थात पार्वती के पति शंकर जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि कहा जाता है। उनके बारे में हम आपको आज 19 रहस्यमय तथ्य बताने जा रहे हैं । आइए शुरू करते हैं 

 1. आदिनाथ शिव/Adinath Shiva ~

सर्वप्रथम शिव ने हीं धरती पर जीवन के प्रचार प्रसार का प्रयास किया, इसलिए उन्हें आदिदेव भी कहा जाता है। आदि का अर्थ प्रारंभ होता है आदिनाथ होने का कारण उनका एक नाम आदिश भी है । 

2. शिव के अस्त्र-शस्त्र/Shiva's weapons ~

 शिव का धनुष पीनाक, चंद्र भवरेंदु और सुदर्शन अस्त्र, पाशुपत अस्त्र और शस्त्र त्रिशूल है । उक्त सभी का उन्होंने ही निर्माण किया था । 

3. शिव का नाग/Shiva's snake~ 

शिव के गले में जो नाग लिपटा रहता है, उसका नाम वासुकी है । वासुकी के बड़े भाई का नाम शेषनाग है ।

4. भगवान शिव जी की अर्धांगिनी/Shiva's consort ~

 शिव की पहली पत्नी सती ने हीं अगले जन्म में पार्वती के रूप में जन्म लिया और वे हीं उमा, उर्मि, काली कही गई है । 

5. जाने विशेष भगवान शिव के दो नही छः पुत्र है /Know that Lord Shiva has not two but six sons. ~

 शिव के प्रमुख छः पुत्र हैं । गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा सभी के जन्म की कथा रोचक है । 

6. शिव के आठ प्रमुख शिष्य/Eight chief disciples of Shiva ~

 शिव के सात शिष्य हैं, जिन्हें प्रारम्भिक सप्तऋषि माना गया है । इन सप्त ऋषियों ने ही शिव के ज्ञान को संपूर्ण धरती पर प्रचारित किया जिसके चलते भिन्न भिन्न धर्म और संस्कृतियों की उत्पत्ति हुई । शिव ने ही गुरु और शिष्य परंपरा की शुरुआत की थी। "शिव के शिष्य हैं बृहस्पति, विशालाक्ष, शुक्र, सहस्राक्ष, महेन्द्र, प्राचेतस मनु , भारद्वाज । इनके अलावा आठवें गौरशिरस मुनि भी थे" ।

7. शिव जी के प्रमुख 13 गण/The main 13 Ganas of Lord Shiva ~ 

शिव के गणों में "भैरव, वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, गोकर्ण, घंटाकर्ण, जय और विजय प्रमुख हैं"। इसके अलावा भूत पिशाच और नाग नागिन पशुओं को भी शिव का गण माना जाता है । शिव गण नंदी ने ही काम शास्त्र की रचना की थी ,कामशास्त्र के आधार पर ही कामसूत्र लिखा गया । 

8. भगवान शिवजी की पंचायत/Lord Shiva's Panchayat ~ 

भगवान सूर्य, गणपति, देवी, रुद्रा और विष्णु ये शिवपंचायत कहलाते हैं । 

9. शिवजी के द्वारपाल/Chief gatekeeper of Lord Shiva~ 

"नंदी, स्कंद, रेटी, ऋषभ भृरंगी, गणेश, उमा, महेश्वर और महाकाली" ये सभी शिव के द्वारपाल है ।  

10.भगवान शिवजी के पार्षद/Lord Shiva's councillor ~ 

जिस तरह जय और विजय विष्णु के पार्षद हैं उसी तरह "बाण, रावण, चंड, नंदी, भृरंगी" आदि शिव के पार्षद हैं । 


11. धर्मों का केंद्र भगवान शिव/Lord Shiva, the center of religions ~

शिव की वेशभूषा ऐसी है कि प्रत्येक धर्म के लोग उनमे अपने प्रतीक ढूंढ सकते हैं । मुशरी, यजीदी, सबीन, इब्राहिमी धर्मों में शिव के होने की छाप स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है । शिव के शिष्यों से एक ऐसी परंपरा की शुरुआत हुई जो आगे चलकर शेव, सिद्ध, नाथ, दिगंबर और सूफी संप्रदाय में विभक्त हो गए । 


12. बौद्ध साहित्य के मर्मज्ञ भगवान शंकर/Lord Shankar, an expert in Buddhist literature ~ 

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान प्रोफेसर उपासक का मानना है कि भगवान शंकर ने ही बुद्ध के रूप में जन्म लिया था । उन्होंने पाली ग्रंथों में वर्णित 27 बुद्धों का उल्लेख करते हुए बताया कि इनमें "बुद्ध के तीन नाम अति प्राचीन है तरणेंकर, शरणेंकर और मेघंकर"


 13.  देवता और असुर दोनों के प्रिय शिव/Shiva, beloved of both gods and demons ~

 भगवान शिव को देवों के साथ असुर, दानव, राक्षस, पिशाच, गंधर्व, यक्ष आदि सभी पूजते हैं । वे रावण को भी वरदान देते हैं और राम को भी । उन्होंने भस्मासुर, शुक्राचार्य आदि कई असुरों को वरदान दिया था । शिव सभी आदिवासी, वनवासी, जाति, वर्ण, धर्म और समाज के सर्वोच्च देवता हैं ।


 14. भगवान शिवजी के विशेष चिन्ह/Special symbols of Lord Shiva ~ 

वनवासी से लेकर सभी साधारण व्यक्ति जिस चिन्ह की पूजा कर सकें, उस पत्थर के ढेले, बटिया को शिव का चिन्ह माना जाता है । इसके अलावा रुद्राक्ष और त्रिशूल को भी शिव का चिन्ह माना गया है । कुछ लोग डमरू और अर्द्धचंद्र को भी शिव का चिन्ह मानते हैं । हालांकि ज्यादातर लोग शिवलिंग अर्थात शिव की ज्योति का पूजन करते हैं । 


15. शिवजी की गुफा/अमृत ज्ञान गुफा/Shivaji's Cave/Amrit Gyan Cave ~

 शिव ने भस्मासुर से बचने के लिए एक पहाड़ी में अपने त्रिशूल से एक गुफा बनाए और वे फिर उसी गुफा में छिप गए वो गुफा जम्मू से 150 किलोमीटर दूर त्रिकुटा की पहाड़ियों पर है । दूसरी ओर भगवान शिव ने जहाँ पार्वती को अमृत ज्ञान दिया था वो गुफा "अमरनाथ गुफा" के नाम से प्रसिद्ध है । 


16. शिवजी के पैरों के निशान का रहस्य/The mystery of Shiva's footprints ~ 

श्रीपद श्रीलंका में रतन द्वीप पहाड़ की चोटी पर स्थित श्रीपद नामक मंदिर में शिव के पैरों के निशान है । ये पदचिन्ह पांच फुट सात इंच लंबे और दो फुट छह इंच चौड़े हैं इस स्थान को शिवानोपदम कहते हैं कुछ लोग इसे "आदम पीठ" कहते हैं । 

रुद्र पद तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले के थिरुवेलंगडु क्षेत्र में श्री सूबेदार ने श्वर का मंदिर में शिव के पदचिन्ह है जिसे "रुद्रपदम" कहा जाता है। इसके अलावा थिरुवन्नमलाई में भी एक स्थान पर शिव के पदचिन्ह हैं । 

असम के तेजपुर में ब्रह्मपुत्र नदी के पास स्थित "रुद्रपद मंदिर" में शिव के दाएं पैर का निशान है । 

जागेश्वर उत्तराखंड के अल्मोड़ा से 36 किलोमीटर दूर जागेश्वर मंदिर की पहाड़ी से लगभग 4.5 किलोमीटर दूर जंगल में भीम के मंदिर के पास शिव के पदचिन्ह हैं, पांडवों को दर्शन देने से बचने के लिए उन्होंने अपना एक पैर यहाँ और दूसरा कैलाश में रखा था । 

झारखंड के रांची रेलवे स्टेशन से सात किलोमीटर की दूरी पर रांची हिल पर शिव जी के पैरों के निशान हैं, इस स्थान को "पहाड़ी बाबा मंदिर" कहा जाता है । 


17. शिवजी के मुख्य 25 अवतार रूप/25 main incarnations of Lord Shiva ~ 

वीरभद्र, पीपलाद, नंदी, भैरव, महेश, अश्वत्थामा, शरभावतार, गृहपति, दुर्वासा, हनुमान, ऋषभ, यतिनाथ, कृष्णदर्शन, अवधूत, भिक्षु, वरीय, सुरेश्वर, किरात, सुनटनर्तक, ब्रह्मचारी, यक्ष, द्विजेश्वर, हंसरूप, द्विज, नतेश्वर आदि हुए हैं ।


18. वेदों में भगवान शिवजी के  रूद्र रूप का जिक्र/The Rudra form of Lord Shiva is mentioned in the Vedas. ~

वेदों में रुद्र 11 बताए जाते हैं कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, शास्ता, शंभू, चंड तथा भाव, विलोहित,अजपाल,आपेरबुध्य,


19. शिवजी का विरोधाभासिक परिवार/Shiva's paradoxical family ~

 शिव पुत्र कार्तिकेय का वाहन मयूर है, जबकि शिव के गले में वासुकी नाग है । स्वभाव से मयूर और नाग आपस में दुश्मन हैं । इधर गणपति का वाहन चूहा है जबकी स्वभाव से नाग और चूहा आपस मे दुश्मन है ।


 ॐ नमः शिवाय ।


 हर हर महादेव  ।


जय कार्तिकेय की ।


जय गणपति की ।

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