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नरक चतुर्दशी/रूप चौदस/काली चौदस |
वर्ष 2023 में नरक चतुर्दशी कब है ~
2023 में नरक चतुर्दशी 12 नवंबर दिन रविवार को मनाई जाएगी।
चतुर्दशी तिथि शुरू होगी 11 नवंबर 2023 को दोपहर 1:55 पर चतुर्दशी तिथि खत्म होगी 12 नवंबर 2023 को दोपहर 2:45 पर ।
अभ्यंग स्नान करने का शुभ मुहूर्त ~
सुबह 5:27 से लेकर सुबह 6:40 तक रहेगा। यानी इस स्नान करने की कुल अवधि होगी 1 घंटे 12 मिनट ।
नरक चतुर्दशी कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाए जाने वाला एक त्योहार है। इसे नरक चौदस, रूप चौदस और रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा करने का विधान है। दीपावली से ठीक 1 दिन पहले मनाए जाने की वजह से छोटी दिवाली या छोटी दीपावली कहा जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन शाम के समय दिये जलाये जाते हैं। इस दिन ही यमराज की पूजा कर अकाल मृत्यु से मुक्ति और बेहतर स्वास्थ्य की कामना की जाती है।
इसके अलावा नरक चौदस के दिन प्रातःकाल सूर्य उदय होने से पहले शरीर पर तिल्ली का तेल लगाकर स्नान करने से नरक के भय से मुक्ति मिलती है और मनुष्य को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
नरक चतुर्दशी पूजा करने की विधि/Method of worshipping Narak Chaturdashi ~
नरक चतुर्दशी के दिन प्रातः काल सूर्य उदय से पहले स्नान करने का महत्त्व है। नरक चतुर्दशी से पहले कार्तिक कृष्ण पक्ष की अहोई अष्टमी के दिन एक लौटे में पानी भरकर रखा जाता हैं। नरक चतुर्दशी के दिन इस लौटे का जल नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करने की परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से नरक की भय से मुक्ति मिलती है। स्नान करने के बाद दक्षिण दिशा की ओर हाथ जोड़कर भगवान यमराज से प्रार्थना करें। ऐसा करने से मनुष्य द्वारा वर्ष भर किए गए पापों का नाश होता है। इस दिन भगवान यमराज को तेल का दीपक घर के मुख्यद्वार से बाहर की ओर जलाना चाहिए। नरक चतुर्दशी के दिन शाम के समय सभी देवताओं की पूजन करने के बाद तेल के दीपक जलाकर घर की चौखट की दोनों ओर और दोनों घर के बाहर व कार्य स्थल के प्रवेश द्वार पर रख दें। ऐसा करने से लक्ष्मीजी सदैव घर में निवास करती है ।

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